उपन्यास >> छुटटी के दिन का कोरस छुटटी के दिन का कोरसप्रियंवद
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छुटटी के दिन का कोरस' कथाकार और इतिहासवेत्ता प्रियंवद का तीसरा उपन्यास है…
छुटटी के दिन का कोरस' कथाकार और इतिहासवेत्ता प्रियंवद का तीसरा उपन्यास है. हिंदी कथा साहित्य में प्रियंवद अपने विशिष्ट सरोकारों और अनूठे शिल्प के लिए सुपरिचित हैं. 'छुटटी के दिन का कोरस' विवान (विन्सेंट डगलस) के विचित्र जीवन का महाकाव्यात्मक आख्यान है. यह गाथा 1947 की ऐतिहासिक तारीख़ के दोनों ओर फैली है.
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